Tuesday, September 16, 2008

वेस्ट यूपी के पत्रकारों से आह्वान

आप कहीं भी नौकरी करते हों, किसी भी अखबार में, पत्रिका में, प्रकाशन समूह में। आपके लिए यह एक बहुत ही सुनहरा अवसर हो सकता है लिखने-पढ़ने और कमाने का। एक पंथ, दो काज। एक-एक रिपोर्ट पर हजारों रुपये का पारिश्रमिक। देश का कोई हिंदी अखबार या हिंदी पत्रिका इतना भुगतान नहीं कर रही है। सुविधा यह है कि आपका नाम और पता भी गोपनीय रखा जाएगा। ऐसा कहना है आगरा से प्रकाशित वेस्ट यूपी की सबसे न्यूज मैग्जीन... जागता शहर का।

पत्रिका का पहला अंक बाजार में आ गया है। पत्रिका मूलतः स्टोरी-बेस है। उसने भंडाफोड़ पत्रकारिता के नये युग की शुरुआत की है। अपने ताजा अंक में उसने मथुरा पुलिस की लोमहर्षक बर्बरता का भंडाफोड़ किया है। कि कैसे एक दरोगा से झगड़ा करना एक फौजी को इतना भारी पड़ा कि आखिरकार उसे फर्जी मुठभेड़ में मार डाला गया। वही फौजी, जिसने जम्मू-कश्मीर के मोर्चे पर आतंकवादियों से मुठभेड़ में अपने 11 साथी खो दिए थे, वह घायल हो गया था और बाद में मिलिट्री ने उसे छह लाख रुपये इनाम में दिए तो उसे भी उसने अपने शहीद साथियों की विधवाओं को दे दिया।

जब धर्मयुग, दिनमान, साप्ताहिक हिंदुस्तान जैसी हिंदी पत्रिकाए काल के गाल में समा चुकी है, मौजूदा हिंदी अखबार और पत्रिकाएं अपनी-अपनी तिजोरी भरने में व्यस्त हैं, इस नयी मैग्जीन ने खास कर न्यूज रिपोर्टर्स के लिए रोजी-रोटी का नया द्वार खोल दिया है।

पत्रिका के प्रथमांक में पहला ही स्तंभ है आपबीती। इसमें पत्रिका-परिवार की ओर से सूचना प्रकाशित की गयी है कि इस कालम के अंतर्गत हर सप्ताह दो ऐसी आपबीती प्रकाशित की जाएंगी, जिनमें घटनात्मक पठनीयता का पुट हो। एक आपबीती पर
3000 रुपये, दूसरी पर 2000 रुपये पुरस्कार दिया जाएगा।

इसी तरह किसी टॉप स्टोरी के लिए रिपोर्टर को
5000 रुपये से 8000 रुपये तक पारिश्रमिक दिया जायेगा। किसी स्पेशल रिपोर्ट के लिए 3000 रुपये से 5000 रुपये तक पारिश्रमिक मिलेगा।

इस तरह कोई ईमानदार जर्नलिस्ट बिना कोई नौकरी किए जागता शहर को अपनी खोजी-सामग्री छद्म नाम से भी उपलब्ध कराकर हर माह अपनी रोजी-रोटी चला सकता है। उसे सेठों के पायताने मिर्गीछाप पत्रकारिता करने की मजबूरी न होगी।

हिंदी-पट्टी के पत्रकारों के लिए यह एक ऐतिहासिक अवसर हो सकता है। शर्त ये है कि स्टोरी खोज-परक, तथ्यों पर आधारित और अप्रकाशित होनी चाहिए।

तो
देर किस बात की। उठाइए कलम और हो जाइए शुरू।

जागता शहर का नारा है
जो जागे
सो आगे



स्टोरी भेजने का पता है....

जागता शहर
आफबीट मीडिया पब्लिकेशन प्राइवेट लिमिटेड
प्लॉट नंबर-24 एचआईजी
ताज नगरी, फेज-1
फतेहाबाद रोड
आगरा-6

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