Monday, February 8, 2010

राजनीति के तीन मुहावरे, तीन दिन

राजनीति के ये नये सफे हैं, नए मुहावरे जो पिछले दो-तीन दिनों में कश्मीर से गुजरात तक और दिल्ली से महाराष्ट्र तक चौंकाने वाले अंदाज में सामने आए हैं। मसलन, केंद्रीय फारुख अब्दुल्ला का ये कहना कि पर्देदारी यानी बुर्कों का तब तक कोई महत्व नहीं, जब तक कि शर्मोहया आंखों में न हो। इस पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से दारुल उलूम तक काफी हो-हल्ला मच गया है। दूसरा वाकया रहा शिवसेना के संस्थापक बाला साहब ठाकरे के साथ केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार की मुलाकात। इस मिलन को राजनीतिक क्षेत्रों में कई अर्थों में रहस्य की दृष्टि से देखा जा रहा है। आम तबके की टिप्पणियों में इसकी काफी लानत-मलामत हो रही है। लोगों का कहना है कि जब मुंबई दौरे पर कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी को ठाकरे की पार्टी के कार्यकर्ताओं ने काले झंडे दिखाने की कोशिश की थी तो राहुल के दौरे को सफल बताते हुए कांग्रेस ने कहा था कि ठाकरे की धमकियों की हवा निकल गई। लेकिन अब कांग्रेस के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार का एक मंत्री जब उसी ठाकरे से आईपीएल के बारे में अनुमति मांगे तो इसका मायना तो यही निकलता है कि आईपीएल अब ठाकरे के रहमोकरम पर निर्भर हो गया है। देश में महगाई की चिंता को दरकिनार कर ये कांग्रेस की सरकार चियर गर्ल को आईपीएल में देखना चाहती है. अभी कुछ लोग बाला साहेब की ताक़त को नहीं जानते हैं देखना वो दिन दूर नहीं जब मुंबई मे किसी भी यूपी बिहारी का अस्तित्व तक नहीं रहेगा. शिवसेना उग्रवादी संगठन है उससे बात करने गए। अरे इनकी औकात क्या है। फालतू में इनका भाव क्यों बढ़ा रहे हैं। यदि कांग्रेस अभी भी सचेत नहीं हुई तो को इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। पवार साहब इतने सीधे नहीं हैं कि वे आइ पी एल की बात करने के लिए ठाकरे के पास जाएंगे| दर असल इस समय कांग्रेस पार्टी के लोग जिस तरह से मंहगाई के मुद्दे पर शरद पवार को घेरने की कोशिश कर रहे हैं और उनसे खाद्य और आपूर्ति मंत्रालय अलग करने की संभावना लग रही है उसका मॅनेज्मेंट करने के लिए ही गये होंगे और कांग्रेस को संदेश देने की कोशिश कर रहे होंगे कि वह पंगा न ले वरना महाराष्‍ट्र में शिवसेना का दामन भी थाम सकते हैं| तीसरी सुर्खी सपा से जुदा हुए अमर सिंह और उनके पारिवारिक मित्र अमिताभ बच्चन के गुजरात का एम्बेसडर होने पर। आरोपों को नकारते हुये अमर कहते हैं कि अमिताभ गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के अनुरोध पर राज्य पर्यटन विभाग का ब्रांड एम्बेस्डर बनने को तैयार हुये हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वह भगवा खेमे की ओर जा रहे हैं.सभी खबरें विस्तार से sansadji.com ...सांसदजी डॉट कॉम पर

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