Saturday, February 20, 2010

सांसद ओमप्रकाश ने मांगा बिहार के लिए आर्थिक पैकेज

सोनिया गांधी, प्रणब मुखर्जी, गुलाम नबी आजाद, ममता बनर्जी से मिले। आम बजट लोकसभा में पेश होने वाला है। इसके साथ ही, देश भर की जनता के अलावा समस्त सांसदों की भी इस परनिगाहें लगी हैं। अपने क्षेत्र एवं बिहार राज्य की जनता के लिए सीवान के सांसद ओमप्रकाश यादवने समय से पहले सरकार तक अपनी चारसूत्री अर्जी पहुंचा दी है। कांग्रेस सुप्रीमो सोनिया गांधी, केंद्रीय वित्त मंत्रीप्रणब मुखर्जी, स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद और रेलमंत्री ममता बनर्जी से उन्होंने अपने क्षेत्र एवं प्रदेश कीजनता की खातिर कई जरूरी मांगों की ओर ध्यान आकर्षित किया है। उन्होंने मांग की है कि टैक्स से परेशान उनकेक्षेत्र एवं प्रदेश की जनता को बजट में ठोस राहत का प्रावधान होना चाहिए। बिहार जैसे बीमार राज्य को विशेषआर्थिक पैकेज मिलना चाहिए, क्योंकि कभी बाढ़ कभी कभी सूखा जूझते-जूझते इस राज्य के लोगों की मालीखस्ता हो चली है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि सीवान स्थित मैरवा में राजेंद्र बाबू कुष्ठ सेवा आश्रम को सनसे लंबित आर्थिक मदद बहाल होनी चाहिए। उल्लेखनीय है कि पूर्व में सन 92 तक इस कुष्ठ आश्रम को केंद्रसरकार से सालाना 13-14 लाख रुपये मिलते थे। इससे अनेक लोगों की रोजी-रोटी जुड़ी हुई थी और दूर-दूर से यहांइलाज कराने आने वाले लोगों का कल्याण हो रहा था। सबसे बड़ी बात ये है कि इस आश्रम से राजेंद्र बाबू कीपहचान जुड़ी हुई है। एक दशक से राज्य सरकार इस ओर से पूरी तरह उदासीन है। केंद्र सरकार आश्रम के लिएफिर से सालाना आर्थिक पैकेज बहाल कर इस स्वास्थ्य ठिकाने की हालात सुधारे। सांसद ओमप्रकाश यादव ने रेलमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात कर अपने क्षेत्र एवं बिहार के लिए विशेष रेल व्यवस्थाएं मुहैया कराने की मांग कीहै। पिछले दिनों वह आगामी रेल बजट में वांछित रेल सेवाएं उपलब्ध कराने की मांग करते हुए रेलमंत्री को लिखितरूप में आगाह करा चुके हैं कि सीवान से बनारस के लिए ट्रेन सेवा शुरू की जाए। सीवान स्टेशन का नामकरणराजेंद्र बाबू के नाम पर किया जाए। साथ ही माझी से सिसवन, रघुनाथपुर, दरौली, गुठनी होते हुए यूपी के लारस्टेशन तक रेलवे लाइन का निर्माण करा दिया जाए ताकि आजादी के तिरसठ साल बाद भी रेल सुविधा से वंचितदियारा क्षेत्र के लोगों के लिए रेल-परिवहन सेवा हासिल हो सके। रेलमंत्री ने उन्हें इसके लिए आश्वस्त भी किया है।जहां तक सीवान क्षेत्र की आर्थिक स्थितियों की बात है, उन्होंने केंद्र सरकार को बताया है कि यह प्रदेश का अतिपिछड़ा जिला है। यहां की तीन चीनी मिलें दशकों से बंद पड़ी हैं। एक स्पिनिंग मिल भी थी, जो आज तक नहीं खुलीहै। इन मिलों को फिर से चालू कराया जाए, ताकि लोगों को रोजी-रोजगार मिल सके। क्षेत्र में और कोई उद्योग धंधानहीं है। यहां के किसान, मजदूर, नौजवान सभी परेशानहाल हैं। सांसद निर्वाचित होने के बाद उन्होंने पिछले सालजून में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी मुलाकात कर उनसे अपनी मांगें दुहराई थीं। वह कहते हैं कि लोकसभामें एक बार फिर मौका आने पर अपनी मांगें उठाएंगे। वह चाहते हैं कि राज्य सरकार उपेक्षित सिवान क्षेत्र में केंद्रसरकार अपना पूंजी निवेश करे। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद से मिलकर बिहार में एम्स में चिकित्सासेवा शुरू कराने की मांग की है। वह बताते हैं कि अपने प्रधानमंत्रित्व काल में अटल बिहारी वाजपेयी ने इसअस्पताल का शिलान्यास किया था। उसका निर्माण आज तक लटका पड़ा है। उसे तत्काल पूरा कराकर चिकित्सासेवा उपलब्ध कराई जाए। इससे बिहार के अलावा झारखंड, पश्चिमी बंगाल, उड़ीसा राज्यों के मरीज भी लाभान्वितहो सकेंगे। ओमप्रकाश कहते हैं कि जिस दिन मैंने लोकसभा में पद की शपथ ली थी, उसी दिन तय कर लिया थाकि हम राजेंद्र बाबू की धरती के हैं, उनकी एक अच्छाई का हमेशा अनुकरण करेंगे। हर माह अपने वेतन की आधीराशि पीड़ितों, जरूरतमंदों पर खर्च करते रहेंगे। वह बताते हैं कि प्रतिमाह मिलने वाले 41 1992 हजार रुपये में से आधावेतन वह गरीबों पर खर्च कर देते हैं। उनके पास एक-एक पैसे का हिसाब है। डायरी में वह नोट करते जा रहे हैं।समय आने पर जनता के सामने भी वह इसका खुलासा करेंगे। सांसद श्री यादव ने उपरोक्त मांगों के अलावा सरकारसे यह भी दरख्वास्त की है कि भोजपुरी को आठवीं अनुसूची में शामिल किया जाए। बिहार को विशेष आर्थिकपैकेज दिया जाए। हर गांव में डाक, दूर संचार व्यवस्था उपलब्ध कराई जाए और बुनियादी शिक्षा को अनिवार्यबनाया जाए।

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