Saturday, February 20, 2010

बजट के मौसम में सांसद निधि पर सवालिया निशान!!

सांसदजी को खर्च-बर्च में आखिर इतनी कंजूसी क्यों? ........एक तरफ रोना है कि जनता परेशान है और सरकार केपास पैसे नहीं हैं। आम बजट हर साल आता-जाता और हो जाता है यूं ही। दूसरी तरफ लगातार ऐसी सूचनाएं रही हैं कि माननीयों की सांसद-निधि विकास कार्यों पर खर्च नहीं हो पा रही है। हर सांसद को अपने लोकसभा क्षेत्रके विकास के लिए सालाना दो करोड़ रुपए सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास निधि के दिए जाते हैं। इस पैसे से सांसदविकास के कामों के लिए अनुशंसाएं करते हैं। पहले इस तरह की सूचना आई हरियाणा से। फिर राजस्थान से।फिर पता चला कि ऐसा तो देश के लगभग हर राज्य की कहानी है। यह कहानी जितनी चौंकाने वाली है, उतनी हीअफसोसनाक भी। विस्तृत खबर sansadji.com...सांसदजी डॉट कॉम पर

तो ऐसा होता है सांसदजी का बजट! संसद में 22 फरवरी से देश के आम आदमी के बजट की बात होगी। इस बजटको आकार देने में हमारे समस्त सांसदजी शिरकत करेंगे। आम बजट रहा है तो बात सांसदजी पर खर्च-बर्चहोने वाले सरकारी धन की भी होनी चाहिए।.....कि सांसद बनने के बाद सांसदजी कितने तरह की जरूरतों औरसुख-सुविधाओं के हकदार हो जाते हैं। वह इसलिए कि वे संसद सदस्य के रूप में अपने कार्यों को प्रभावी ढंग सेनिपटा सकें। संसद सदस्यों को मिलने वाली सुख-सुविधाओं में होता है वेतन तथा भत्ते, यात्रा सुविधा, चकित्सासुविधाएं, आवास, टेलीफोन। और क्या-क्या मिलता है सांसदजी को.....विस्तृत खबर sansadji.com...सांसदजीडॉट कॉम पर

ये हुई मजे की बात। एमपी के फंड पर एमएलए की नजर! ये और नया राग है देश के सबसे खुशहाल माने जानेवाले राज्य की लोकशाही का। किसी के पैसे पर किसी की नजर। जायज भी है, नाजायज भी। सवाल उठता है किकितनी जायज, कितनी नाजायज! सवाल ऐसे उठाए जा रहे हैं कि नामालूम, सांसदजी अपनी ही निधि का पैसाखर्च कर पाएंगे भी या नहीं? विस्तृत खबर sansadji.com...सांसदजी डॉट कॉम पर


इंदौर में भाजपा का तीन दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन तो शोर-शराबे के साथ गुजर गया। अब भी उस परनिशानेबाजी जारी है। कांग्रेस कार्यसमिति सदस्य एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री अनिल शात्री की नजर में भाजपा काअधिवेशन शर्मनाक रहा! वह कहते हैं कि मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी को प्रदेश में राष्ट्रीय अधिवेशन करनेके बजाए कानूनी और प्रशासनिक व्यवस्थाओं को बहाल करने में ध्यान देना चाहिए। और क्या-क्या कहते हैंशास्त्री जी......? साथ ही भोपाल में विधानसभा सत्र के दौरान सुरक्षा के इतने पुख्ता इंतजाम क्यों?... दोनों खबरेंसविस्तार sansadji.com...सांसदजी डॉट कॉम पर

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