Wednesday, March 24, 2010

सिर्फ सात फीसद महिला सांसद




(sansadji.com सांसदजी डॉट कॉम)

संसद और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीटों के आरक्षण वाला विधेयक लोकसभा में पेश होने की जहां तैयारी लगभग पूरी हो चली है, वहीं अब तक की सभी 15 लोकसभाओं का एक विश्लेषण बताता है कि आजादी के बाद से अब तक संसद में महिलाओं का प्रतिनिधित्व सात प्रतिशत से भी कम रहा है। लोकसभा की वेबसाइट पर मौजूद आंकड़ों के अनुसार पिछले 63 साल में अनेक लोकसभा क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने वाले 8,303 सांसदों में से महिलाओं की संख्या केवल 559 रही, जो कि कुल संख्या का 6.8 प्रतिशत है। आंकड़ों के मुताबिक वर्तमान 15वीं लोकसभा में महिला सांसदों की संख्या अब तक की सर्वाधिक है, जो कि 59 (10.83 प्रतिशत) है। सबसे कम महिला सांसदों की संख्या छठी लोकसभा में थी, जो कि 21 या 3.77 प्रतिशत थी। हालांकि आंकड़े यह भी दर्शाते हैं कि संसद में महिला प्रतिनिधियों की संख्या में पिछले 19 साल में इजाफा हुआ है। इस अवधि में संसद में महिलाओं की संख्या 40 से कम नहीं रही। इस पूरी अवधि के दौरान 10वीं, 11वीं और 12वीं लोकसभा में महिला सांसदों की संख्या क्रमश: 42, 41 और 44 रही। हालांकि इसके बाद 13वीं तथा 14वीं लोकसभाओं में थोड़ा सी बढ़ोतरी और देखी गई और दोनों ही बार निचले सदन में 52 महिलाएं पहुंचीं। इससे पहले 1984 से 1989 के बीच आठवीं लोकसभा में भी 40 से अधिक यानी 45 सांसद रहीं थीं। सर्वाधिक महिला सांसदों को संसद भेजने वाली पार्टियों में कांग्रेस अव्वल है जो महिला आरक्षण विधेयक को पारित कराने के लिए प्रयासरत है। पिछले 63 साल में संसद में 295 महिलाएं कांग्रेस सांसद रही हैं। (हिंदुस्तान से साभार)

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