Saturday, March 13, 2010

मेनका गांधी की तरह सांसद हेमा मालिनी भी पशुओं पर मेहरबान



(खबर sansadji.com सांसदजी डॉट कॉम से)

पहले भालुओं के संरक्षण के लिए सांसद निधि से लाखोंरुपये के
चेक दिए थे, अब गोशाला की सड़क के लिए 16 लाख की मददः भाजपा सांसद तथा मशहूर फिल्मअभिनेत्री हेमामालिनी पहले आगरा के भालुओं परमेहरबान हुई थीं, अब मथुरा-वृंदावन की गायों की सुधि लीहै। पूर्व में भालुओं के संरक्षण के लिए उन्होंने दो लाख रुपयेदिए थे, इस बार उन्होंने वृंदावन के अक्रूर गाँव में स्थित गोधाम गौशाला की ओर जाने वाली सड़क के निर्माण केलिए 16 लाख रुपए अपनी सांसद निधि से दिए हैं। गोधाम गौशाला की ओर जाने वाली इस 600 मीटर लम्बी एवंमीटर चौड़ी सीसी रोड का निर्माण किया जायेगा। हिस्से का निर्माण कांक्रीट से कराया जाएगा। पिछले दिनोंगोशाला के ट्रस्टियों द्वारा इस सड़क का शिलान्यास आचार्य मृदुलकांत शास्त्री के आचार्यत्व में वैदिक मंत्रोच्चारणके मध्य किया गया। गौशाला के ट्रस्टी विपिन मुकुटवाला के अनुसार 6 माह पूर्व हेमामालिनी ने अपने वृन्दावनप्रवास के दौरान गोविंद गौशाला का अवलोकन किया था एवं यहां ट्रस्ट द्वारा गौवंश की उत्कृष्ट सेवा किये जाने सेप्रभावित होकर सेवा करने की आकांक्षा व्यक्त की थी। इससे पूर्व में भी सांसद हेमा मालिनी आगरा मंडल परमेहरबान हो चुकी हैं। पाकिस्तान में भारत से भेजे गए भालुओं पर हो रहे अत्याचार की खबरों के बाद इस सांसदका दिल पसीज गया। उन्होंने आगरा के कीठम में रखे गए भालुओं की दशा सुधारने के लिए दो लाख रुपये देकरवन्य जीव संरक्षण के लिए आवाज बुलंद करने वाली सांसद मेनका गाँधी की राह पर चलने के संकेत दिए थे।कीठम मथुरा से सटा हुआ है। उन्होंने यहाँ कीठम स्थित संरक्षण गृह में रखे गए भालुओं को स्वच्छंद जीवन जीनेका माहौल देने के लिए विकास अधिकारी, आगरा को अपनी सांसद निधि से दो लाख रुपए का चेक दिया था। हेमाने ये पैसे तब दिए थे, जब एक निजी टीवी चैनल ने पाकिस्तान में भारत से भेजे जाने वाले भालुओं को रईसों द्वारामनोरंजन' के लिए खूँखार कुत्तों के हवाले किए जाने की तस्वीरें और खबर प्रसारित की थी, जिसके खिलाफ भारतमें तीखी प्रतिक्रिया हुई थी। पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गाँधी ने पाकिस्तान में भालुओं पर हो रहे अत्याचार को गंभीरतासे लेते हुए इसे रोकने के लिए केंद्र सरकार से ठोस कदम उठाने की माँग की थी। मेनका गाँधी ने केंद्रीय पर्यावरणतथा वन मंत्री के रूप में कीठम स्थित भालू संरक्षण गृह का अवलोकन किया था और संबंधित अधिकारियों कोभालुओं की देखरेख में कोई कोताही नहीं बरतने के सख्त निर्देश दिए थे।

1 comment:

महेन्द्र मिश्र said...

बहुत बढ़िया अच्छी पहल है जानवरों के संरक्षण के लिए ....