Friday, March 12, 2010

लोकसभा में महंगाई पर बरसे सांसद

सपा, राजद, बसपा और वाम दलों का लोकसभा से वॉक आउटः
सोनिया की चेतावनियों के बावजूद सत्तापक्ष के सांसद गायबः
महंगाई के विरोध में वामदलों ने किया संसद पर बड़ा प्रदर्शनः
शाम चार बजे प्रणब मुखर्जी विपक्ष के सवालों का जवाब देंगेः

(sansadji.com सांसदजी डॉट कॉम से)

महंगाई पर एक ओर संसद के बाहर वामदल प्रदर्शन कर अपना विरोध जता रहे थे, दूसरी तरफ संसद के भीतर महंगाई पर श्वेतपत्र लाने की मांग करने के साथ वाम दलों, बसपा, सपा और राजद सदस्यों ने कीमतें नियंत्रित करने में कोई ठोस कार्रवाई नहीं करने का सरकार पर आरोप लगाते हुए आज सदन से वाकआउट कर दिया। आवश्यक वस्तुओं, खासकर खाद्य वस्तुओं की कीमतों में पिछले कुछ महीनों से हुई बेतहाशा वृद्धि के विरोध में दिल्ली में वाम दलों की शुक्रवार को हुई रैली का शून्यकाल में जिक्र करते हुए भाकपा के गुरूदास दासगुप्ता ने श्वेत पत्र लाने की मांग की। उन्होंने कहा कि इस श्वेतपत्र में सरकार यह बताए कि महंगाई क्यों बढ़ी और उसे नियंत्रित करने के लिए उसने अब तक क्या कदम उठाए हैं। माकपा के रामचंद्र डोम ने कहा कि बेकाबू होती महंगाई को नियंत्रित करने के उपाय करने की बजाय सरकार ने पेट्रोल, डीज़ल और यूरिया के दाम बढ़ा कर आम आदमी के 'जख्मों पर नमक छिड़का' है। कई दलों के सदस्यों ने महंगाई को काबू करने के बारे में सरकार से जवाब देने की मांग की और ऐसा नहीं होने के विरोध में वाम दलो, बसपा, सपा और राजद के सदस्यों ने सदन से वाकआउट किया। भाजपा और बीजद के कुछ सदस्यों ने इस मुद्दे से अपने को संबद्ध किया, लेकिन वाकआउट में हिस्सा नहीं लिया। उधर, पूर्व चेतावनी के अनुसार राजधानी दिल्ली में आज वामदल संसद तक अपनी महंगाई विरोधी आवाज बुलंद करने के लिए हजारों समर्थकों के साथ रैली निकाल रहे हैं। रैली के दौरान बड़ी संख्या में ये वाम प्रदर्शनकारी केंद्र सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी करते चल रहे थे। सरकार विरोधी नारे लगाते प्रदर्शनकारी जरूरी खाद्य पदार्थों के दामों में तत्काल कमी लाने के लिए सरकार से कदम उठाने और पेट्रोलियम उत्पादों के बढ़े दाम वापस लेने की मांग करते चल रहे थे। इस प्रदर्शन में वाम दलों के शीर्ष नेता-सांसद भी शिरकत कर रहे हैं। बजट पर बहस के दौरान सदन से सत्ता पक्ष के सांसदों के गायब रहने पर आज विपक्षी सांसदों ने जमकर नाराजगी जताई। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस सांसदों के सदन से अनुपस्थित रहने पर पार्टी सुप्रीमो सोनिया गांधी हाल में कई बार चेतावनी दे चुकी हैं। फिर भी आदत है कि छूट नहीं रही है। निचले सदन में आज बजट पर बहस के दौरान सत्तापक्ष का वरिष्ठ सांसदों सहित कोई कैबिनेट मंत्री भी मौजूद नहीं था। इस पर सुषमा स्वराज ने कहा कि इससे साफ जाहिर होता है कि सरकार महंगाई को लेकर कितनी चिंतित है। महंगाई से निपटने के लिए बड़े-बड़े वादे करने वाली सरकार विपक्ष के सवाल सुनने से बच रही है। इसी बीच एक अन्य सांसद ने कहा कि यहां तो जैसे अंधों की बस्ती में आईने बेचने की कोशिश हो रही है। सत्तापक्ष के इस रवैये से खासतौर पर वाम दलों ने ज्यादा रोष जताया। वामदलों ने लोकसभा से वॉकआउट करने के बाद संसद भवन के बाहर सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। शाम चार बजे वित्त मंत्री प्रवण मुखर्जी विपक्ष के सवालों का जवाब देंगे। लालू प्रसाद यादव हमेशा की तरह आज भी लोकसभा में पूरे तेवर में दिखे और प्रश्नकाल के दौरान खाद्य पदार्थों में मिलावट का मुद्दा उठाते हुए कहा कि उन्हें इस खबर से काफी चिंता हुई है कि बुके-पिसे मसालों में घोड़े की लीद’ मिलाई जा रही है। उन्होंने टेलीविजन पर सुना कि पैकेट बंद पिसे मसालों में ये लीद मिलाई जाती है और विज्ञापनों में ऐसे ही मसालों का उपयोग करने के लिए प्रचार किया रहा है। सरकार बताए कि ऐसे में लोढा-सिल से पिसे मसालों के प्रयोग के प्रचार के लिए वह क्या कर सकती है। सील-बट्टे से पिसे मसाले ज्यादा लिज्जतदार होते हैं।