Wednesday, March 24, 2010

शॉटगन सांसद का एक और फायरः वाजपेयी के बाद भाजपा में शून्य!



(खबर सांसदजी डॉट कॉम sansadji.com से)

बात किसी को भली लगे या बुरी, पटना साहिब से भाजपा सांसद एवं अभिनेता शत्रुघ्न सिह्ना तो ठीक ही कह रहे हैं कि अटल बिहारी वाजपेयी के अस्वस्थ हो जाने के बाद से भाजपा में एक बड़ा शून्य पैदा हो गया है। वाजपेयी के रहते जो शून्य कभी दिखा नहीं, उसी को भरने के लिए पार्टी को अब अनेक जतन करने पड़ रहे हैं। इस बार ऐसा बयान देकर शत्रु ने एक तरह से अपनी पार्टी के समस्त आला ओहदेदारों को नाखुश कर दिया है। एक तरफ सांसद सिह्ना पिछले कुछ दिनों से लगातार मीडिया को पार्टी विरोधी सुर्खियां दे रही हैं, दूसरी तरफ उनके मन में तरह-तरह की शंकाएं-आशंकाएं भी उमड़-घुमड़ रही हैं। उन्हें एक अंदेशा तो यही परेशान किए हुए है कि कहीं पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी के खिलाफ दिया गया उनका बयान उनकी पार्टी सदस्यता पर न भारी पड़ जाए, क्योंकि गडकरी पार्टी सदर पद पर आसमान से भले टपकते जान पड़े हों, उनके पीछे राष्ट्रीय सेवक संघ प्रमुख भागवत का मजबूत हाथ है। इसीलिए उनके किसी भी काम पर अंगुली उठाने का मतलब लिया जा रहा है, संघ प्रमुख की मर्जी के खिलाफ टिप्पणी करना। शायद यही वजह है कि कार्यकारिणी गठन से असंतुष्ट कई बड़े नेता जुबान खोलने को तैयार नहीं हैं। हां, सोनी जरूर इसके अपवाद हो सकते हैं। बहरहाल, अपने मन में उठ रहे अंदेशों के किंचित समाधान के लिए शत्रु ने सोमवार की रात सीधे पार्टी अध्यक्ष गडकरी को ही मोबाइल मिला लिया। वह गडकरी से जानना चाहते थे कि उनके खिलाफ कोई कार्रवाई जैसी बात तो नहीं है, यदि है तो पहले से कृपया बता दीजिएगा। सूत्रों के अनुसार पार्टी अध्यक्ष ने उनसे ऐसी किसी बात से इनकार कर दिया है। लेकिन संभलते-संभलते भी उनके मुंह से मंगलवार को ये तीर छूट ही गया कि अटल बिहारी वाजपेयी के बाद भाजपा में एक शून्य-सा आ गया है। युवाओं को मौका देने का मतलब अनुभवी लोगों को दरकिनार करना नहीं होता। यद्यपि गडकरी से वार्ता के बाद अब शॉटगन थोड़ा स्थिर-मन हो चले हैं, लेकिन पता चला है कि ये बात सांसद यशवंत सिह्ना समेत अन्य उन सांसदों को नागवार गुजरी है, जो भीतर ही भीतर टीम गडकरी को लेकर नाक-भौंह टेढ़ी किए चल रहे हैं। उल्लेखनीय है कि अंदरूनी तौर पर विदिशा (मध्यप्रदेश) की सांसद एवं सदन में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज भी टीम गडकरी को लेकर संतुष्ट नहीं, लेकिन उन्होंने इस पर आज तक एक भी लफ्ज मुंह से नहीं निकलने दिया है। राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड में भी टीम को लेकर छिटपुट असंतोष है। सांसद शाहनवाज हुसैन और सांसद सीपी ठाकुर तो मीडिया की सुर्खियों में भी आ चुके हैं।

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