Friday, March 26, 2010

आडवाणी अब राजनीति से संन्यास ले लें: कांग्रेस



(sansadji.com)

बाबरी मस्जिद ढहाये जाने के मामले में वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी अंजू गुप्ता की गवाही के बाद वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी फिर एक बार राजनीतिक दलों और मुस्लिम संगठनों के निशाने पर आ गये हैं। कांग्रेस ने तो यहां तक कह डाला है कि उन्हें राजनीति से अवकाश ले लेना चाहिये। भाजपा ने कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। कांग्रेस नेता राशिद अल्वी का कहना है कि यह फैसला अदालत को करना है कि आडवाणी के खिलाफ कोई अपराध तय करे अथवा नहीं, लेकिन मेरी यह दृढ़ राय है कि उनके पूर्व सुरक्षा अधिकारी की गवाही के बाद आडवाणी जी को राजनीति से अवकाश ले लेना चाहिये। आडवाणी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है और भारतीय राजनीति में ऐसे व्यक्ति के लिये कोई जगह नहीं है। अल्वी ने कहा कि अपने भड़काऊ भाषण से किसी समुदाय के धार्मिक स्थल को ढहाने में ‘सहायक’ रहा कोई राजनीतिक नेता भारतीय राजनीति के योग्य नहीं है। कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी का कहना है कि यह न्याय के हक में है, खासकर भारतीय धर्मनिरपेक्षता के कि दोषियों को न्याय के कटघरे में लाया जाय। उल्लेखनीय है कि आज वर्ष 1992 के बाबरी विध्वंस मामले में अहम गवाह वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी अंजू गुप्ता रायबरेली कोर्ट में पेश हुई। आडवाणी की सुरक्षा में तैनात अंजू गुप्ता ने अपने पूर्व बयान पर अडिग रहते हुए कहा कि मस्जिद ढहाए जाने के दिन आडवाणी ने उकसाने वाला भाषण दिया था। अंजू गुप्ता 1992 में फैजाबाद की एएसपी थीं और उन्हें बाबरी मस्जिद के पास बने रामकथा कुंज मंच पर सुरक्षा व्यवस्था देखने के लिए तैनात किया गया था। रायबरेली की विशेष अदालत में सुनवाई के दौरान अंजू गुप्ता ने कहा कि आडवाणी समेत आठों आरोपी विध्वंस के दौरान वहीं मौजूद थे। गुप्ता ने बताया कि घटना के दौरान आडवाणी के अलावा अशोक सिंघल, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, विनय कटियार, साध्वी रितंभरा, गिरराज किशोर और विष्णु हरी डालमिया सभी आरोपी बाबरी मस्जिद से मात्र 150 मीटर की दूरी पर रामकथा कुंज में मौजूद थे। इन सभी के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने, हिंसा को प्रेरित करने और मामले की साजिश रचने का आरोप लगाया गया था। अंजू इस केस में नौंवी गवाह हैं, जिसे सीबीआई ने कोर्ट में पेश किया। वर्तमान समय में अंजू रॉ में कार्यरत हैं। सीबीआई की गवाह अंजू ने कोर्ट में कहा कि अयोध्या में कारसेवकों को मुख्य गुंबद तोड़ने के लिए उकसाया जा रहा था और गुंबद गिरने पर मंच के नेता खुश थे। इसके बाद आडवाणी और जोशी सभी ने गले मिलकर अपनी खुशी का इजहार किया और मिठाइयां भी बांटी गई। गुप्ता इससे पहले मामले की जांच कर रही सीबीआई के सामने भी पेश हो चुकी हैं। सीबीआई को दिए बयान में उन्होंने कहा था कि इन आठों आरोपियों ने कारसेवकों को रोकने की कोई कोशिश नहीं की थी। बल्कि वो कारसेवकों को उकसा रहे थे।

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