Thursday, April 22, 2010

संसद में एक मंत्री गुमशुदा!!


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लोकसभा में आज प्रश्नकाल के दौरान जब रसायन और उर्वरक मंत्रालय से संबंधित पूरक प्रश्न का अलागिरी के स्थान पर राज्य मंत्री जवाब देने खड़े हुए तो भाजपा के वरिष्ठ सांसद यशवंत सिन्हा ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई। उन्हीं की पार्टी के हरेन पांड्या ने कहा कि मंत्री बिना आसन की अनुमति के सदन से गैर हाजिर हैं और यह आसन का अपमान है। बिहार से निर्दल सांसद एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि सांसदों ने आज तक मंत्री का चेहरा तक नहीं देखा है। इस पर स्पीकर मीरा कुमार ने कहा कि उन्होंने राज्य मंत्री को जवाब देने के लिए अधिकृत किया है। लेकिन सदस्य शांत नहीं हुए और प्रश्नकाल की समाप्ति तक इस मुद्दे को लेकर विपक्ष तथा द्रमुक सदस्यों के बीच नोंकझोंक होती रही। रसायन और उर्वरक मंत्री एम अलागिरी की संसद में लगातार गैर मौजूदगी को लेकर सदन भाजपा समेत समूचे विपक्ष ने भारी आपत्ति जताई। वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने यह कहकर सदस्यों को शांत करने का प्रयास किया कि मंत्री इस समय देश से बाहर हैं और इसलिए आज सदन में नहीं आए। विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने कहा कि यह ऐसे मंत्री हैं जिनका चेहरा आज तक सांसदों ने तो क्या अध्यक्ष तक ने नहीं देखा है। ऐसा सुनने में आया है कि उन्होंने आज तक कैबिनेट की किसी बैठक तक में हिस्सा नहीं लिया है। संसद का सत्र चालू होने पर मंत्रियों का पहला दायित्व संसद के प्रति होता है, उसके बाद कोई दूसरा दायित्व आता है। अध्यक्ष की अनुमति से ही मंत्री सदन से गैर हाजिर हो सकते हैं। उन्होंने सरकार से जानना चाहा कि यह गुमशुदा मंत्री कहां छुपे हैं। प्रणव मुखर्जी ने कहा कि सदस्य प्रश्नकाल चलने दें और वे यह मामला बाद में भी उठा सकते हैं।

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