Wednesday, April 14, 2010

बसपा-कांग्रेस में अब 'मूर्तियों की राजनीति' शुरू


(sansadji.com)

अब कांग्रेस और बसपा में मूर्ति को लेकर नए सिरे राजनीति शुरू हो गई है। अंबेडकर नगर में अंबेडकर प्रतिमा पर सांसद राहुल गांधी को माला न चढ़ाने देने पर कांग्रेस ने बसपा पर तीखा प्रहार किया है तो बसपा ने कहा है कि वह दलित महापुरुषों की मूर्तिय़ां लगवाती रहेंगे, इसके लिए चाहे कोई भी कीमत क्यों न चुकानी पड़े।
अंबेडकरनगर (उत्तर प्रदेश) में बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर सांसद राहुल गांधी को कथित तौर पर माल्यार्पण करने की इजाजत नहीं मिलने पर कांग्रेस ने आज बहुजन समाज पार्टी पर आरोप लगाया कि वह अंबेडकर की विरासत पर एकाधिकार का प्रयास कर रही है। पार्टी ने कहा कि अंबेडकर पूरे देश के नेता हैं। पार्टी के प्रवक्ता शकील अहमद ने नयी दिल्ली में कहा कि यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है। यह उस विरासत पर एकाधिकार का प्रयास है, जो पूरे देश का है। किसी राष्ट्रीय नेता की यादगारी या उपदेशों पर किसी का विशेषाधिकार नहीं है। किसी भी राजनीतिक पार्टी को हमारे राष्ट्रीय नेताओं की विरासत पर एकाधिकार का प्रयास नहीं करना चाहिए। अंबेडकर के मूल्यों, शिक्षाओं और उनके द्वारा बताए गए सदाचार पर किसी एक व्यक्ति का विशेष अधिकार नहीं है। अंबेडकर नगर में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को दलित नेता की प्रतिमा पर आज माल्यार्पण करना था। उधर लखनऊ में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख और उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने कांग्रेस को दलित विरोधी करार देते हुए कहा कि दलित नेताओं के नाम पर पार्क एवं स्मारक बनाने और उनकी मूर्तियां लगाने में वह कोई भी कीमत चुकाने को तैयार हैं। डा.भीमराव अंबेडकर के 119 वें जन्मदिन पर यहां डा.अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने आई मायावती ने पार्टी समर्थकों और कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कांग्रेस को दलित विरोधी मानसिकता की पार्टी करार दिया। उन्होंने कहा कि केन्द्र में राज कर रही कांग्रेस पार्टी ने कभी भी डा. अंबेडकर समेत किसी दलित नेता का सम्मान नहीं किया। केन्द्र ने उत्तर प्रदेश में 39 तथा केन्द्र में करीब पचास वर्ष तक शासन किया लेकिन कभी भी किसी दलित नेता की मूर्ति नहीं लगाई और ना ही उनका सम्मान किया। यह काम अकेले बसपा ने किया है।कांग्रेस उनकी आलोचना सिर्फ इस लिए करती है क्योंकि वह दलित नेताओं के नाम पर पार्क एवं स्मारक बनवाती हैं और उनकी मूर्तियां लगाती हैं। वह अपना काम करती रहेंगी चाहे इसके लिए कोई भी कीमत क्यों न चुकानी पड़े।

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