Thursday, April 8, 2010

दिल्ली में भाजपा सांसद तो मध्य प्रदेश में कांग्रेस सांसद बेचैन


(sansadji.com)

इधर दिल्ली में भाजपा की पहली नवसांगठनिक मैराथन तो उधर मध्य प्रदेश में कांग्रेस संगठन चुनाव की खदबदी। 10 अप्रैल को प्रदेश कांग्रेस चुनाव प्राधिकरण अध्यक्ष एवं सांसद नरेन्द्र बुढ़ानिया भोपाल पहुंच रहे हैं। सांसद कांतिलाल भूरिया, कमलनाथ, ज्योतिरादित्य सिंधिया, अरूण यादव के नाम सांगठनिक गोलबंदियों में शुमार हैं। सबकी अपनी-अपनी लामबंदिया, कानाफूसियां...।
कांग्रेस के नामवर सांसदों के बीच अंदरूनी बेचैनी इस बात की है कि पार्टी-संगठन में आगे कौन, कितना दबदबेदार साबित हो जाता है। जिलों में संगठन चुनाव की प्रक्रिया संपन्न कराने के लिए 10 अप्रेल को जिला निर्वाचन अधिकारियों (डीआरओ) की नियुक्तियां संभावित हैं। कांग्रेस ने प्रदेश को 63 जिलों में बांटा हुआ हैं यानी 63 डीआरओ तैनात किए जाने हैं। इसी को लेकर सारी अंदरूनी कसरतें गोलबंद हो रही हैं। हर गुट डीआरओ की नियुक्तियों पर निगाह जमाए है। पार्टी ने संगठन की दृष्टि से प्रदेश को 487 ब्लॉकों में बांट रखा है। बूथ कमेटी-अध्यक्क्षों के चुनाव 15 अप्रेल से 30 अप्रेल के बीच हो सकते हैं। 10 अप्रेल को प्रदेश कांग्रेस चुनाव प्राधिकरण अध्यक्ष एवं सांसद नरेन्द्र बुढ़ानिया भोपाल में पार्टी जिलाध्यक्षों तथा प्रभारी पदाधिकारियों की बैठक लेने वाले हैं। पता चला है कि संगठन के भीतर सबसे ज्यादा सेंधमारी महाकौशल, बुंदेलखण्ड, मालवा, विंध्य और भोपाल संभाग में है। संगठन चुनाव जून तक हो जाने हैं। जून में नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम पर मुहर लगाने का उपक्रम होगा। साथ ही एआईसीसी के लिए भी प्रदेश से 70 प्रतिनिधियों को चुनकर दिल्ली भेजा जाएगा। गुटों में बंटे प्रदेश कांग्रेसी धुरंधर भीतर ही भीतर खूब सक्रिय बताए जाते हैं। कहीं केन्द्रीय मंत्री कमलनाथ तो कहीं प्रदेश अध्यक्ष सुरेश पचौरी, कहीं दिग्विजय सिंह तो कहीं केन्द्रीय राज्य मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, कहीं केन्द्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया तो कहीं केन्द्रीय राज्य मंत्री अरूण यादव की खदबदाहट है।

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